लगता हैं खामोशी जो लाद ली हैं तुमने
अपने पर और मुझ पर
चलने लगे हो थोडी सी दुरी भी रखकर
नज़रें बचा रहे हो या चुरा रहे हो
हाथ छोडें तो बड़ी देर हो गई
अब सायें से भी मेरे बचने लगे हो
लगता हैं इस रिश्तें की
आखरी साँसे चल रही हैं
एक हिचकी और बस...
Saturday, August 23, 2008
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
0 comments:
Post a Comment