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toothpaste for dinner

Monday, April 27, 2009

हौसला

हौसलें पस्त, हारें अरमान,
हरारत क़दमों में
यूँ भी महोब्बत के सफर काटे हैं
राह की धुल से रिश्ते जोड़े,
काँटों से दिल्लगी की हैं
यूँ भी महोब्बत के सफर काटे हैं
धुल, कांटे साथ न बढे
रहगुजर में तनहा, तनहा ही रहे
यूँ भी महोब्बत के सफर काटे हैं

1 comments:

Ajit Pandey said...

Kya baat Hai!!!

Teri shabdo bhe sharab hai jaise,
Waqt ke saat nasha badhate ja raha hai.