Friday, August 19, 2011

उस दिन...

शहर में और तुम में
फर्क कभी ज्यादा नहीं रहा
ये शहर भी मुझसे उतना ही रूठा रहता है,
अक्सर, जितना तुम रुठती हो
मगर जीने की वजह भी 
इस शहर ने मुझे उसी तरह दी, 
जैसे तुम ने मुस्कुराकर
उस दिन...
 

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